Sunday, July 10, 2016

यह है लोगों को अपने में समां लेने वाली मौत की नदी

जनकपुर : 
असार : २७/३/२०७३

नदियों को हमारे देश में जीवनदायनी कहा जाता है, क्योंकि नदियां जहां से भी गुजरती हैं अपने चारों ओर के खेतों को अपने जल से संचित करते हुए गुजरती हैं। इससे फसलों में पानी की कमी पूरी हो जाती है और फसल की पैदावार अच्छी होती है। लेकिन जैसा कि आप सब जानते हैं कि दुनिया को बनाने वाले ने इस में बहुत से रंग भरे हैं। बहुत सी चीजें ऐसी हैं जिनका हमें ज्ञान नहीं हो पता। यहां हम इसी प्रकार की एक नदी के बारे में आपको जानकारी देने जा रहे हैं, जो अपने पास आने वाले किसी भी आदमी को वापस जिंदा नहीं जाने देती है। यह नदी देखने में बेहद खूबसूरत है और इसकी खूबसूरती की वजह से ही बहुत से लोग इसके पास गए, पर आज तक कोई जिन्दा नहीं लौटा। न ही उसकी डेड बॉडी मिल सकी।
यह नदी इंग्लैंड में है और इसका नाम व्हार्फ नदी (बोस्टन स्ट्रिड) है। इस नदी को बेहद खतरनाक माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि आज तक जो भी इस नदी में गया, वह जिंदा बाहर नहीं लौटा सका। बता दें कि बेहद खूबसूरत दिखने वाली ये नदी बोल्टन अब्बे क्षेत्र में है। यह महज 6 फीट चौड़ी है, लेकिन इसकी गहराई बहुत ही ज्यादा है। साथ ही पथरीले रास्तों से गुजरने के कारण इसका बहाव भी काफी तेज है। ऐसे में कोई शख्स जैसे ही नदी में जाता है, वह तेज धार के कारण बह जाता है।

ऐसा कहा जाता है की इसके तेज बहाव के कारण पहाड़ भी काफी नुकीले हो गए हैं। ऐसे में कोई शख्स जैसे ही बोल्टन अब्बे एरिया में इस नदी के अंदर जाने की कोशिश करता है वह तेज धार की वजह से नुकीले पहाड़ों से टकरा जाता है और उसकी बॉडी खाई में समा जाती है ।

नदी में जाना है मना–

स्थानीय प्रशासन ने इस खतरे को देखते हुए इस नदी में घुसने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। नदी के आस-पास बाकायदा इससे जुड़े बोर्ड भी लगे हैं जिस पर साफ लिखा है कि नदी में तैरना और नहाना मना है। हालांकि, इसके बावजूद कई लोग गलती से इस नदी में घुसकर अपनी जान गंवा चुके हैं। साल 2010 में एक 8 साल के लड़के की मौत इस नदी में डूबने की वजह से हो गई थी। इसको पार करने के चक्कर में भी कई लोगों की मौत हो चुकी है। इस प्रकार से यह नदी अब तक कई मौतों की वजह बन चुकी है।

ऐसा कहा जाता है कि इस क्षेत्र पर लेडी अलाइस डि रोमिल्ली नाम की महिला का अधिकार था। 1154 में उसके बेटे की मौत इस नदी में गिरने की वजह से हो गई थी। इसके बाद लेडी अलाइस ने आस-पास के पूरे क्षेत्र को बोल्टन प्रायरी ईसाई मठ बनाने के लिए दे दिया। इस दुखद किंवदंती पर विलियम वर्ड्सवर्थ ने एक कविता भी लिखी है। यह आज भी रहस्य बना हुआ है कि मरने वाले व्यक्ति की बॉडी आखिरकार मिलती क्यों नहीं है।





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